रविवार, 22 जुलाई 2012

हाइकू



शीतल वायु , ल' एलै हरियाली , सावन भादो

भेल अन्हार ,आकाश करै हल्ला , इजोत संग

प्रसन्न इंद्र , दै छथि आइ पानि , बोझक बोझ

भरल खेत , हरियर कजली , सगरो कादो

भरि आँगन , छै सहसह चाली , जाएब कत'

दौड़ल छौड़ा , नैका पोकरि दिश , मारत माँछ

गरम चाह , छै सवहक प्रिय , एहि वर्षा मे

अमित मिश्र

हाइकू

हाइकू

आब की हेतै , उफानपर कोसी , टूटलै बान्ह

बाढिक पानि , खेतमे पसरल , डूबल धान

खसल कोठा , कते जन रहत , ऊँच मचान

केराक थम्ह , राख बालुक बोरा , रोक कटान

भासल लाश , माल-जाल लोकक ,फँसल प्राण

बरसै वर्षा ,खसि गेल ठनका , अदृश्य चान

टूटल आरि , धसि गेल धसना , पानिक गान

काँपैत रोआँ ,उजड़ल दुनियाँ , उड़ल प्राण

अमित मिश्र